Programming Language: प्रोग्रामिंग भाषा क्या है और क्यों सीखें? जानें हिंदी में 2025

Programming Language: आपने कभी न कभी कोडिंग या प्रोग्रामिंग भाषा के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन क्या कभी सोचा है कि ये कोडिंग (प्रोग्रामिंग भाषा) आखिर क्या है। यदि आप नहीं जानते है कि प्रोग्रामिंग भाषा क्या होती है तो इस लेख को बस ध्यान से अंत तक पढ़ें। क्योंकि आज इस लेख में हम प्रोग्रामिंग भाषा के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। जिस प्रकार मनुष्य एक दूसरे से बात करने के लिए विभिन्न प्रकार की भाषाओं का प्रयोग हैं ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर और विभिन्न सॉफ्टवेयर से वार्तालाप करने के लिए प्रोग्रामिंग भाषा का प्रयोग किया जाता है।

आप ऐसे समझों प्रोग्रामिंग एक ऐसी भाषा है जो कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए प्रयोग की जाती है। प्रोग्रामिंग भाषा सिर्फ एक कला ही नहीं है बल्कि आने वाले समय में दुनिया पर राज करने की शक्ति है। आप मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर में जितने भी सॉफ्टवेयर, वेबसाइट और एप्लिकेशन प्रयोग करते हैं वो सब प्रोग्रामिंग भाषा ही की देन है। यदि आप प्रोग्रामिंग भाषा सीखना चाहते हैं लेकिन आपको सही जानकारी नहीं है कि प्रोग्रामिंग भाषा क्या है और क्यों सीखें, कहा से सीखें तो लेख को अंत तक पढ़ें।

Programming Language

लेख का विवरण प्रोग्रामिंग भाषा क्या है और क्यों सीखें
करियर विकल्प Full-Stack Developer, Mobile App Developer, Data Scientist, Software Development
योग्यता कम से कम 12वीं उत्तीर्ण या स्नातक डिग्री
फीस प्रोग्रामिंग भाषा अनुसार

Table of Contents

Programming Language: प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?

सरल शब्दों में प्रोग्रामिंग एक ऐसी भाषा है जो कंप्यूटर के साथ संवाद करने और उसके निर्देश देने के लिए उपयोग की जाती है। जिस तरह हम मनुष्य किसी एक- दूसरे से बात करने के लिए विभिन्न भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, स्पेनिश, जर्मन और अन्य) का प्रयोग करते हैं ठीक उसी प्रकार एक सॉफ्टवेयर डेवलपर या प्रोग्रामर कंप्यूटर से बात करने के लिए प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करता है।

कंप्यूटर केवल बाइनरी कोड को ही समझता है जिसे मशीनी भाषा कहा जाता है जो सिर्फ 0 और 1 का समूह होता है लेकिन मनुष्य के लिए सिर्फ इतने में ही कंप्यूटर को निर्देश देना बहुत कठिन और अव्यवहारिक है। इसी समस्या को सुलझाने के लिए प्रोग्रामिंग भाषा को विकसित किया गया। इन भाषाओं की खासियत है की मनुष्य इन्हे आसानी से समझ पाता है।

उदाहरण: मान लीजिए कंप्यूटर को एक निर्देश देना है कि 5 + 5 जो जोड़ो तो मशीनी भाषा में यह 0 और 1 का एक बहुत लंबा और कठिन कोड होगा जिसे समझने में बहुत वक्त और नामुमकिन सा होगा वही प्रोग्रामिंग भाषा में आसानी से निर्देश दे सकते हैं जैसे पाइथन प्रोग्रामिंग भाषा में,

result = 5 + 5
print(result)

यहाँ पर हमे कंप्यूटर 10 उत्तर देगा।

प्रोग्रामिंग भाषा का इतिहास

प्रोग्रामिंग भाषा का इतिहास कंप्यूटर के क्षेत्र में उसके विकास के साथ चला आ रहा है। इसका इतिहास मशीनी भाषा से शुरू होकर उच्च-स्तरीय (High-Level) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तक पहुंचा है। आइये प्रोग्रामिंग भाषा के इतिहास पर थोड़ा प्रकार डालते हैं।

पहली पीढ़ी (1GL)- शुरुआती दौर:

  • मशीनी भाषा: यह वो दौर था जब प्रोग्रामिंग भाषा का कि जगह कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए बाइनरी कोड (0 और 1) का प्रयोग करते थे। जिसे मशीनी भाषा कहा जाता था। वो दौर 1940s का था जब मशीनी भाषा उपयोग की जाती थी।
  • असेंबली भाषा: मशीनी भाषा की कठिनता को कम करने के लिए कंप्यूटर के क्षेत्र में एक नहीं क्रांति हुई जहाँ असेंबली भाषा को विकसित किया गया। इस भाषा में छोटे-छोटे कोड ADD (जोड़ने के लिए), SUB (घटाने के लिए), LOAD (लोड करने के लिए) नेमोनिक्स (Mnemonics) का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन इसमें समस्या यह थी कि ये भाषा सभी सीपीयू के लिए अलग-अलग होती थी एक मशीन पर लिखा गया कोड दूसरी मशीन पर कार्य नहीं करता था।

दूसरी पीढ़ी (2GL)- विकास का दौर:

  • ALGOL: 1960 के दशक में इस नई भाषा को विकसित किया गया। इसकी सबसे बड़ी खासियत कि ये पहली Algorithm आधारित भाषा थी जिसने आगे चलकर कई भाषाओं को प्रभावित किया।
  • C Language: साल 1972 डेनिस रिची ने उस दौर में इस भाषा को विकसित किया जो एक उच्च-स्तरीय भाषा थी। C भाषा को “मदर लैंग्वेज” भी कहा जाता है क्योंकि इसी से C++, Java, Python जैसी कई भाषाओं की नींव पड़ी। इनमें English जैसे keywords (if, else, for, while) और गणितीय expressions का use होता है। जो मनुष्य के लिए समझने में बिल्कुल आसान है।

तीसरी पीढ़ी (3GL)- आधुनिक दौर की शुरुआत:

C भाषा आने के बाद फिर कई प्रोग्रामिंग भाषाओं के विकास में वृद्धि हुई जिसके बाद कई भाषाओं को विकसित किया गया।

  • C++ (1985): बजेर्न स्ट्रॉस्ट्रुप ने C भाषा में और अधिक बदलाव लाने के लिए OOP (Object-Oriented Programming) की सुविधाएँ जोड़ कर इस भाषा को विकसित किया।
  • Perl (1987): इस भाषा को लैरी वॉल द्वारा निर्माण किया गया जिसका उद्देश्य टेक्स्ट प्रोसेसिंग और स्क्रिप्टिंग के लिए होता है।
  • Java (1995): जावा भाषा ने क्रांति ला दी आज के समय में मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट बनाने के लिए इस भाषा प्रयोग किया जाता है।
  • PHP (1995): इसका प्रयोग सर्वर साइड और वेब डेवलपमेंट में किया जाता है लेकिन आज के समय में इस भाषा का उतना ज्यादा असर नहीं है।

चौथी पीढ़ी (4GL)- नई पीढ़ी की भाषाएँ

  • JavaScript (1995): वेब पेजों को और अधिक विकाशसील बनाने के लिए ब्रेंडन आइच ने 1995 इस भाषा को विकसित किया।
  • C# (2000): इस भाषा को माइक्रोसॉफ्ट ने विकसित किया इसका प्रयोग आज के समय में विंडो एप्लिकेशन और यूनिटी गेम्स बनाने में किया जाता है।
  • Python: यह आज के दौर की सबसे आसान और शीर्ष प्रोग्रामिंग भाषा है। जब कोई नया व्यक्ति प्रोग्रामिंग भाषा सीखता है तो उसकी पहली पसंद पाइथन भाषा होती है। इस भाषा को गुइडो वैन रोसुम ने 1991 में विकसित किया था। पायथन एक व्याख्यात्मक, ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड और उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा है। जिसका प्रयोग मशीन लर्निंग, AI, गेम्स बनाने और वेब डेवलपमेंट में किया जाता है।
  • Swift (2014): इस भाषा को Apple कंपनी द्वारा iOS और macOS एप्लिकेशन डेवलपमेंट के लिए विकसित किया गया।
  • Kotlin: इस भाषा को गूगल ने Android Development के लिए प्राथमिक भाषा घोषित कर दिया।
  • TypeScript: यह भाषा JavaScript का ही नया आधुनिक वर्जन है। इसका प्रयोग बड़े प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए किया जाता है।

प्रोग्रामिंग भाषा क्यों सीखें?

अक्सर लोग सोचते हैं कि प्रोग्रामिंग भाषा केवल वही लोग सीखते हैं जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर या बीटेक/बीई जैसे कोर्स करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। दरहसल प्रोग्रामिंग भाषा एक कौशल (Skill) है, जिसे कोई भी व्यक्ति सीख सकता है। इतना ही नहीं इसे कभी भी सीखा जा सकता है इसके लिए कोई उम्र तय नहीं है। ऐसे भी एक सवाल यह भी उठता है कि प्रोग्रामिंग भाषा क्यों सीखना चाहिए इसके क्या फायदे हैं तो बता दें कि प्रोग्रामिंग भाषा सीखने का कोई एक कारण या फायदा नहीं है। नीचे कुछ प्रमुख फायदों की व्याख्या की गई है।

  • शानदार करियर के अवसर: आज के समय में सॉफ्टवेयर डेवलपर, डेटा साइंटिस्ट, वेब डेवलपर और अन्य क्षेत्रों में अनुभवी प्रोग्रामर की मांग तेजी से बढ़ रही है। बैंकिंग, हेल्थ (स्वास्थ्य), शिक्षा और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में एक वेबसाइट या एप्लिकेशन की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि प्रोग्रामिंग भाषा सीखना करियर के लिए बेहतर अवसर प्राप्त करना है।
  • खुद का स्टार्टअप: एक प्रोग्रामर जरूरी नहीं की वो नौकरी ही करे फ्रीलांसिंग और खुद के प्रोजेक्ट के द्वारा बेहतर कमाई की जा सकती है। आप खुद के मोबाइल एप्लिकेशन या वेबसाइट बनाकर स्टार्टअप कर सकते हैं। उदाहरण के लिए Zomato, Ola, Oyo जैसे एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग भाषा पर ही आधारित हैं।
  • समस्या-समाधान और तार्किक सोच का विकास: प्रोग्रामिंग भाषा सिर्फ कोड लिखने और सीखने तक सीमित नहीं है बल्कि इस कौशल का असर दिमाग को लॉजिकल और एनालिटिकल सोचने की शक्ति प्रदान करती है। प्रोग्रामिंग सिखाती है कि कैसे किसी बड़ी समस्या को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ा जाए और फिर उन्हें लॉजिक के साथ सुलझाया जाए।
  • भविष्य की स्किल: वर्तमान समय और आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI), Machine Learning (ML), Data Science, Internet of Things (IoT) जैसे कौशल कोडिंग पर आधारित हैं। लेकिन इन क्षेत्रों में कदम रखने से पहले प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान होना पहला कदम है।
  • सृजनात्मकता और नवाचार: प्रोग्रामिंग भाषा का अर्थ यह नहीं है कि एक प्रोग्रामर को सिर्फ कोड लिखना होता है, यह नई-नई चीजों को सीखने की कला है। जिसे सीखने के बाद कोई नया विचार, गेम्स, एप्स, वेबसाइट्स या फिर कुछ नया इनोवेशन करके दुनिया में चमत्कार दिखा सकते हैं।

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प्रोग्रामिंग भाषा के प्रकार

प्रोग्रामिंग भाषाएँ कई प्रकार की होती हैं जिन्हे उनकी संरचना (Structure), उपयोग (Usage) और कार्यक्षमता (Functionality) के आधार पर अलग-अलग प्रयोग के लिए कई वर्गों में बांटा गया है। नीचे सभी प्रोग्रामिंग भाषाओं का वर्णन किया गया है।

लो-लेवल लैंग्वेज:

यह भाषाएँ कंप्यूटर के बहुत करीब की होती हैं जिन्हे मशीन आसानी से समझ सकती हैं लेकिन मनुष्य सीधे नहीं समझ सकता है।

  • मशीन लैंग्वेज: इस भाषा का कोड केवल बाइनरी अंक में होता है जो केवल 0 और 1 में होती हैं, जिसे कंप्यूटर तो समझ सकता है लेकिन मनुष्यों के लिए समझा बहुत कठिन है।
  • असेंबली लैंग्वेज: यह मशीन भाषा से थोड़ा आसान है लेकिन मनुष्य के लिए कठिन और जटिल है। इसमें छोटे-छोटे कोड जैसे ADD, SUB, MOV का उपयोग किया जाता है।

हाई-लेवल लैंग्वेज:

इन भाषाओं का कोड अंग्रेजी शब्दों में होता है, जिसे इंसान आसानी से समझ और लिख सकता है। हाई-लेवल लैंग्वेज के अंतर्गत कुछ प्रमुख प्रोग्रामिंग भाषाएँ हैं।

  • C
  • C++
  • JavaScript
  • Java
  • Python

स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज:

ये प्रोग्रामिंग भाषाएँ विवेचन होती हैं जो दूसरे सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन को नियंत्रण करने या कार्य स्वचालित करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।

  • JavaScript
  • PHP
  • Perl, Ruby

ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड लैंग्वेज:

Object Oriented Language ऐसे प्रोग्राम होते हैं, जिन्हे code को “objects” (वस्तुओं) के रूप में लिखा जाता है। इसमें सभी ऑब्जेक्ट के अपने डाटा (properties/attributes) और behavior (methods/functions) होते हैं।

  • C++
  • Java
  • Python
  • C#

फंक्शनल लैंग्वेज:

इन भाषाओं के कोड को फंक्शन के रूप में लिखा जाता है। इसमें state change करने वाले data (mutable data) से avoid किया जाता है। जिन्हे सबसे ज्यादा AI, Data Science और Complex Algorithms के लिए प्रयोग किया जाता है।

  • Lisp
  • Haskell
  • Scala
  • Erlang

डोमेन-स्पेसिफिक लैंग्वेज:

डोमेन-स्पेसिफिक लैंग्वेज (DSL) एक ऐसी प्रोग्रामिंग है, जिसे किसी विशेष डोमेन (Specific Domain) या समस्या क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें कई प्रकार की भाषाएं होती है।

  • SQL (डेटाबेस मैनेजमेंट)
  • HTML, CSS (वेब पेज डिजाइन)
  • R Language (Data Science और Statistics)

आधुनिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज:

इन सभी भाषाओं को आज की तकनीकी और सिस्टम को देखते हुए विकसित किया गया है।

  • Kotlin
  • Rust
  • Go (Golang)
  • Julia
  • R
  • TypeScript

प्रोग्रामिंग भाषा कैसे सीखें?

प्रोग्रामिंग भाषा सीखना एक बहुत ही रोमांचक सफर है, हालांकि शुरुआत में कठिन और भ्रमित करने वाला लग सकता है लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर हम आपको Step-by-Step बताते हैं कि कैसे आप प्रोग्रामिंग भाषा सीख सकते हैं।

  • अपना लक्ष्य तय करें: पहले तय करें की आप किस लिए प्रोग्रामिंग भाषा सीखना चाहते हैं जैसे नौकरी के लिए, कौशल सीखने के लिए, खुद का Website, App या Game बनाने के लिए या सिर्फ तर्कसंगत सोच विकसित करने के लिए।
  • प्रोग्रामिंग भाषा चुनें:

आप जिस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भाषा सीखना चाहते हैं उससे संबंधित किसी एक प्रोग्रामिंग को चुनें।

शुरुआती लोगो के लिए Python
वेब डेवलपमेंट JavaScript
मोबाइल ऐप्स (Android) Kotlin/Java
मोबाइल ऐप्स (iOS) Swift
गेम C# (Unity के साथ) या C++
सॉफ्टवेयर डेवलपर Java, C++, Python
फुल स्टैक डेवलपर HTML, CSS, JS, Node.js, Python
  • बेसिक से शुरुआत: भाषा चुनने के बाद उसकी बुनियादी अवधारणाओं को समझें। लगभग सभी प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा में ये concepts होते हैं जैसे Variables, Operators, Loops (for, while loops), Data Structures, Functions, Control Flow (if…else statements, switch cases), Strings, Break and Continue और Arrays आदि।
  • सही संसाधन चुनें: प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के लिए निःशुल्क और सशुल्क दोनों माध्यम हैं। मुफ्त संसाधन जैसे W3Schools, GeeksforGeeks, CodeWithHarry, Apna College आदि। वहीं ऑनलाइन कोर्स के लिए Coursera, Udemy, Coding Ninjas और edX जैसे प्लेटफॉर्म्स बहुत प्रसिद्ध हैं।
  • छोटे-छोटे प्रोजेक्ट बनाएं: एक अनुभवी प्रोग्रामर बनने के लिए छोटे प्रोजेक्ट के साथ शुरुआत करें। अपने कौशल ज्ञान को बढ़ाने के लिए कैलकुलेटर, साधारण वेबसाइट, बेसिक क्विज़ ऐप और साधारण गेम जैसे प्रोजेक्ट बना सकते हैं।
  • लगातार सीखते रहें: प्रोग्रामिंग भाषा कोई एक बार में सीख लेने वाली स्किल नहीं है, इसमें लगातार सीखते रहना और नहीं निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है।

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प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के लिए संस्थान

प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के कई साधन हैं, जिसमे मुख्य दो साधन ऑनलाइन कोर्स और ऑफलाइन संस्थान हैं।

ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म:

प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के लिए यह सबसे लोकप्रिय विकल्प है। इस माध्यम से आप घर बैठे प्रोग्रामिंग भाषा सीख सकते हैं। यहां पर कुछ प्रसिद्ध प्लेटफॉर्म की सूची दी गई है।

  • Coursera (Python, Java, C++ के लिए प्रसिद्ध)
  • Udemy
  • Coding Ninjas
  • Code with Harry (YouTube के माध्यम से)
  • freeCodeCamp
  • edX
  • GeeksforGeeks (हिंदी और अंग्रेजी दोनों में)
  • Scaler Academy

ऑफलाइन कोचिंग संस्थान:

भारत के कई शहरों में IT प्राइवेट संस्थान हैं, जो प्रोग्रामिंग भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध करते हैं। इसके अलावा NIIT, Aptech Computer Education और Jetking के कई ब्रांच विभिन्न शहरों में हैं।

प्रोग्रामिंग भाषा फीस

प्रोग्रामिंग सीखने में लगने वाली शुल्क पाठ्यक्रम के प्रकार, संस्थान, अवधि और स्तर के आधार पर अलग-अलग होती है। नीचे संस्थान अनुसार अनुमानित फीस संरचना दी गई है।

संस्थान का प्रकार अनुमानित फीस (₹)
ऑनलाइन संस्थान ₹15,000 – ₹60,000
ऑफलाइन संस्थान ₹20,000 – ₹70,000
ऑनलाइन सशुल्क कोर्स ₹500 – ₹20,000

इसे भी पढ़ें: सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें?

प्रोग्रामिंग भाषा करियर विकल्प

इस डिजिटल युग में प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के बाद कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं। नीचे कुछ प्रमुख विकल्पों की सूची दी गई है।

  • सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट: प्रोग्रामिंग भाषा और किसी पेशेवर कोर्स को करने के बाद फ्रंटएंड डेवलपर (HTML, CSS, JavaScript, React, Angular), बैकएंड डेवलपर (Python (Django, Flask), Java (Spring), PHP,JavaScript (Node.js)), फुल-स्टैक डेवलपर (Frontend + Backend), मोबाइल ऐप डेवलपर Kotlin (Android), Swift (iOS), डेटा साइंटिस्ट (Python (Pandas, NumPy), R, SQL, Statistics, Machine Learning, डेटा एनालिस्ट (SQL, Python), मशीन लर्निंग इंजीनियर (SQL, Cloud Platforms (AWS, Azure), Python (TensorFlow, PyTorch)) जैसे क्षेत्रों में नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
  • सॉफ्टवेयर टेस्टिंग: सॉफ्टवेयर में Bugs और Errors को ढूंढ कर यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रोजेक्ट उच्च गुणवत्ता का है। इसमें करियर बनाने के लिए Automation Testing Tools, पाइथन, जावा और SQL जैसे कौशलों का ज्ञान होना चाहिए।
  • गेम डेवलपर: यदि आपने C# (Unity) या C++ (Unreal) भाषा सीखी है तो आप गेम डेवलपमेंट के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में एक डेवलपर का कार्य गेम को डिजाइन करना, टेस्ट करना और उसका निर्माण करना आदि सब होता है।
  • फ्रीलांसिंग और उद्यमिता: खुद के प्रोजेक्ट बनाकर उनसे कमाई कर सकते हैं, इसके अलावा Upwork, Fiverr, Toptal जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रोजेक्ट ढूंढ सकते हैं, जिसमे आप दूसरों के प्रोजेक्ट बनकर पैसा कमा सकते हैं।
  • साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ: कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क को साइबर हमलों से बचाना और उन्हें सुरक्षा प्रदान करना। Scripting (Python, Bash), Networking, Security Tools और Python भाषा इस क्षेत्र में करियर विकल्प प्राप्त करने में सहायता करती है।

प्रोग्रामिंग भाषा औसतन सैलरी

भारत में प्रोग्रामर की सैलरी रोल (Job Profile), अनुभव (Experience), स्थान (Location) और स्किल (Skills ) पर निर्भर करती है। नीचे विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार औसतन सैलरी की जानकारी दी गई है।

करियर विकल्प औसत सैलरी (प्रति वर्ष)
सॉफ्टवेयर डेवलपर ₹4 – ₹12 लाख
मोबाइल ऐप डेवलपर ₹5 – ₹15 लाख
डेटा साइंटिस्ट ₹8 – ₹25 लाख
फुल स्टैक डेवलपर ₹6 – ₹20 लाख
गेम डेवलपर ₹3 – ₹15 लाख

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निष्कर्ष:

इस आधुनिक युग में प्रोग्रामिंग भाषा सीखना भविष्य के लिए बेहतर विकल्प है, चाहे IT हो, बैंकिंग, हेल्थकेयर, एजुकेशन, गेमिंग या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सभी क्षेत्रों में एक प्रोग्रामर की जरूरत है। सॉफ्टवेयर डेवलपर, वेब डेवलपर, मोबाइल ऐप डेवलपर, डेटा साइंटिस्ट, ML इंजीनियर, फुल स्टैक डेवलपर, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट और फ्रीलांसर जैसे अनुभवी व्यक्ति की मांग हैं, और आने वाले समय में भी हमेशा रहेंगे।

इसलिए अगर आपका सपना भी प्रोग्रामिंग भाषा सीखना है, तो आज ही अपनी पसंद अनुसार किसी एक भाषा को चुनें और उसे सीखने की शुरुआत करें। बाकी इस लेख में हमने प्रोग्रामिंग भाषा से संबंधित सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला है, और उम्मीद है कि लेख में दी गई जानकारी समझ जरूर आई होगी।

कुछ संबंधित प्रश्न: FAQs

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?

प्रोग्रामिंग ऐसी भाषा होती है, जिसके माध्यम से इंसान कंप्यूटर को निर्देश देता है और उससे आउटपुट प्राप्त करता है। आसान शब्दों में प्रोग्रामिंग वो भाषा है, जिसे कंप्यूटर से बात करने के लिए विकसित की गई है।

कंप्यूटर की पहली प्रोग्रामिंग भाषा कौन सी थी?

पहली प्रोग्रामिंग भाषा मशीन लैंग्वेज (Machine Language) है, यह बाइनरी कोड (0 और 1) में होती थी।

प्रोग्रामिंग भाषा के कितने प्रकार होते हैं?

प्रोग्रामिंग भाषा मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं, मशीन लैंग्वेज (Machine Language), सेंबली लैंग्वेज (Assembly Language) और हाई-लेवल लैंग्वेज (High-Level Language)। तीनों के अंतर्गत कई प्रोग्रामिंग भाषाएँ हैं।

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