M COM Course Details in Hindi: एम कॉम कोर्स कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों का पहला पसंदीदा कोर्स होता है। एम कॉम का पूरा नाम मास्टर ऑफ कॉर्मस होता है। यह एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। छात्रों आज के समय में उच्च शिक्षा एक अनिवार्यता बन गई है, खासकर ऐसे छात्रों के लिए जो बैंकिंग, बिजनेस और अकाउंटिंग एंड फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में करियर के अवसर प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं। यदि आप बी कॉम (B. Com) या अन्य किसी कोर्स से स्नातक की पढ़ाई पूर्ण कर चुकें हैं, तो एक बेहतर करियर के लिए एम कॉम अच्छा कोर्स विकल्प है।
आज इस लेख में आप मास्टर डिग्री के इस एम कॉम कोर्स के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। इस लेख में हम शुरू से लेकर अंत तक एम कॉम से जुड़े सभी पहलुओं को समझाएंगे। आप जानेंगे कि एम कॉम कोर्स क्या होता है, एम कॉम कोर्स करने के लिए फीस, अच्छे कॉलेज, पाठ्यक्रम, प्रवेश प्रक्रिया क्या है। साथ ही आप यह भी जानेंगे कि एम कॉम कोर्स करने के बाद किन-किन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं।
कोर्स का नाम | मास्टर ऑफ कॉमर्स (M. Com.) |
कोर्स की अवधि | 2 वर्ष (कुल 4 सेमेस्टर) |
डिग्री प्रकार | मास्टर डिग्री (स्नाकोतर) |
योग्यता | B. Com, BBA या किसी समकक्ष स्नातक डिग्री |
प्रवेश प्रक्रिया | मेरिट आधारित या एंट्रेंस टेस्ट |
कोर्स प्रकार | Regular / Distance / Online |
करियर विकल्प | बैंकिंग, फाइनेंस, अकाउंटिंग, सरकारी नौकरी (UPSC, SSC, रेलवे) |
M COM Course Details in Hindi: एम कॉम (M. Com.) क्या है?
एम कॉम को (Master of Commerce) कहा जाता है, यह दो वर्षीय स्नाकोत्तर डिग्री कोर्स है। इस कोर्स में छात्रों को वाणिज्य, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, वित्त, बैंकिंग, मार्केटिंग और कराधान जैसे विषयों का अध्ययन कराया जाता है। जो छात्र अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में रोजगार पाने की उम्मीद रखते हैं, उन छात्रों के लिए एम कॉम कोर्स बहुत ही अस्थायी कोर्सों में से है।
बैंकिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्र जो अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं, ऐसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए एम कॉम एक बेहतर बहुमुखी कोर्स है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र न सिर्फ बैंकिंग और कॉर्पोरेट के क्षेत्र में बेहतर भविष्य बना सकते हैं, बल्कि यह कोर्स करने के बाद पीएच.डी. जैसे कोर्स को करने का एक बेहतर आधार प्रदान करता है।
एम कॉम कोर्स क्यों चुनें?
एम कॉम कोर्स चुनने के कई निम्न कारण हैं, खासकर तब जब आप कॉमर्स के छात्र हों, और बैंकिंग, फाइनेंस व अकाउंटिंग जैसे क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हों। एम कॉम कोर्स क्यों चुनें, नीचे कुछ प्रमुख कारणों का उल्लेख किया गया है, जो कुछ इस प्रकार हैं।
- बेहतर करियर विकल्प: यदि आप बैंकिंग, फाइनेंस, अकाउंटिंग, मार्केटिंग, व्ययसाय, शिक्षण और खोजकर्ता जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने की उम्मीद रखते हैं, तो एम कॉम कोर्स जरूर चुन सकते हैं।
- प्रतियोगी परीक्षा में सहायता: एम कॉम कोर्स करने के बाद न केवल निजी क्षेत्रों में करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं, बल्कि सरकारी क्षेत्रों में करियर प्राप्ति के लिए विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। जैसे एसएससी, रेलवे, यूपीएससी, राज्य सिविल सेवा, बैंक और अन्य विभागों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं।
- शिक्षण और रिसर्च के लिए उपयुक्त: यदि आप शिक्षण और रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, और कॉर्पोरेट से संबंधित उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पीएचडी जैसे कोर्स करना चाहते हैं, तो एम कॉम कोर्स बेहतर विकल्प है।
एम कॉम (M. Com.) कोर्स के लिए जरूरी कौशल
यदि आप कॉमर्स के क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने के लिए एम कॉम कोर्स बेहतरीन रूप से करना चाहते हैं, तो एम कॉम कोर्स में प्रवेश लेने से पहले अपने कुछ कौशलों का परीक्षण जरूर कर लें। एम कॉम कोर्स से संबंधित कौशलों की सूची नीचे दी गई है।
- अकाउंटिंग का ज्ञान
- कंप्यूटर की समझ
- संचार कौशल
- कंप्यूटर और टेक्निकल स्किल्स
- सीखने की इच्छा रखना
- प्रशासनिक योग्यता
- नेतृत्व स्किल
- निर्णय लेने की क्षमता
- समस्या समाधान कौशल
- समय प्रबंधन
- डेडलाइन के अनुसार काम पूरा करना
- मैनेजमेंट स्किल्स
एम कॉम (M. Com.) कोर्स के लिए योग्यता
एम कॉम कोर्स के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए, इसके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है।
शैक्षणिक योग्यता:
- एम कॉम कोर्स में प्रवेश के लिए बी कॉम, बीबीए या अन्य स्नातक डिग्री होना अनिवार्य है।
- एम कॉम में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवार के न्यूनतम अंक कम से कम 50-55% होना चाहिए। जिसमे आरक्षित वर्ग के छात्रों को छूट भी दी जाती है।
आयु सीमा:
- एम कॉम में प्रवेश लेने के लिए किसी प्रकार की कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन कुछ गवर्नमेंट कॉलेज/यूनिवर्सिटीज आयु सीमा अधिकतम (25-30) वर्ष लागू करते हैं।
राष्ट्रीयता:
- एम कॉम कोर्स में प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए, हालाँकि कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज विदेशी छात्रों का प्रवेश भी लागू करते हैं।
एम कॉम कोर्स प्रमुख पाठ्यक्रम
एम कॉम कोर्स में पढ़ाये जाने वाले प्रमुख विषयों की सूची नीचे दी गयी है। इस सूची में दिए गए विषय मुख्य और वैकल्पिक रूप से हैं। वास्तविक पाठ्यक्रम सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अलग-अलग रूप में होता है। यहाँ पर दिए गए विषय मुख्य रूप से पढ़ाये जाने वाले हैं।
- बिजनेस इकोनॉमिक्स
- कॉर्पोरेट लॉ
- एडवांस्ड अकाउंटिंग
- फाइनेंशियल मैनेजमेंट
- बैंकिंग एंड इंश्योरेंस
- मार्केटिंग मैनेजमेंट
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- इनकम टैक्स
- गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST)
- इलेक्टिव सब्जेक्ट्स
- इंटरनेशनल बिजनेस
- मैनेजमेंट अकाउंटिंग
- प्रोजेक्ट/इंटर्नशिप
एम कॉम के लिए प्रवेश परीक्षाएं
एम कॉम में प्रवेश के लिए विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमे कुछ परीक्षाएं राज्य स्तरीय और कुछ राष्ट्रीय स्तर की होती हैं। एम कॉम में प्रवेश लेने के लिए नीचे कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं दी गई हैं।
- CUET-PG (Common University Entrance Test – PG)
- BHU PET (Banaras Hindu University – Postgraduate Entrance Test)
- JMI Entrance Exam
- DUET (Delhi University Entrance Test)
- ICFAI University Admission Test
- CUET (Christ University Entrance Test)
- Osmania University PG Entrance Test
- Lucknow University PG Entrance Exam
- Allahabad University PGAT
- Banasthali Vidyapith PG Entrance Test
- Amity University Entrance Test
- Sharda University Admission Test (SUAT)
- SRM University PG Entrance Exam
- Karnataka University PG Admission (KUPGCET)
- Magadh University PG Entrance
- Guru Nanak Dev University (GNDU) Entrance Test
एम कॉम कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज
एम कॉम में प्रवेश लेने के लिए नीचे कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची दी गयी है।
- श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC), दिल्ली
- सिम्बायोसिस कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स
- सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता
- लखनऊ विश्वविद्यालय
- इग्नू (IGNOU – Indira Gandhi National Open University)
- लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन (LSR), दिल्ली
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), नई दिल्ली
- सिम्बायोसिस कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, पुणे
- किरोड़ीमल कॉलेज (KMC), दिल्ली
- एलपीयू (लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी), पंजाब
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), वाराणसी
- सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी
- मुंबई विश्वविद्यालय
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV), भोपाल
- महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, वेल्लोर
- केरल विश्वविद्यालय, तिरुवनंतपुरम
- जैन यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
- हैदराबाद विश्वविद्यालय
- छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर
एम कॉम कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया
एम कॉम में प्रवेश लेने की प्रक्रिया सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अलग-अलग होती है। कुछ निजी कॉलेज एम कॉम कोर्स के लिए मेरिट के आधार पर प्रवेश देते हैं, वहीं कुछ सरकारी यूनिवर्सिटी और कॉलेज एम कॉम में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम (प्रवेश परीक्षा) आयोजित करते हैं।
मेरिट आधारित:
कुछ कॉलेज एम कॉम में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को सीधा प्रवेश दे देते हैं, वहीं कुछ-कुछ कॉलेजों में मेरिट लिस्ट जारी कर छात्रों का चयन किया जाता है। यदि आपके द्वारा चुनें गए कॉलेज में मेरिट आधारित प्रवेश मिल रहा है, तो प्रवेश के लिए आवेदन करने के कुछ दिनों बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। जिसमे अगर उम्मीदवार का चयन हो जाता है, तो उन्हें आगे की प्रक्रिया से गुजरना होता है।
एंट्रेंस एग्जाम (प्रवेश परीक्षा):
जो यूनिवर्सिटी और कॉलेज एम कॉम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, उसके लिए पहले प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होता है। उम्मीदवारों को पहले प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है। आवेदन करने के बाद कुछ दिनों में परीक्षा की तिथि जारी की जाती है, और आप परीक्षा दे सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया:
एम कॉम के लिए आवेदन प्रक्रिया सभी कॉलेजों में अलग-अलग होती है। कुछ कॉलेज मेरिट के आधार पर वहीं कुछ प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देते हैं। एम कॉम में प्रवेश के लिए आवेदन कैसे करें, नीचे कुछ चरण दिए गए हैं। सभी चरणों को फॉलो करके एम कॉम में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- सबसे पहले आप उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं, जिसमे आप प्रवेश लेना चाहते हैं।
- रजिस्ट्रेशन करें, जिसमे नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल और अन्य व्यक्तिगत जानकारी सही-सही भरें।
- रजिस्ट्रेशन करने के बाद प्राप्त रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड से दोबारा लॉगिन करें।
- लॉगिन करने के बाद शैक्षणिक योग्यता, वांछित कोर्स और कॉलेज का चयन आदि सब जानकारी भरें।
- सम्पूर्ण फॉर्म भरने के बाद एक बार अच्छे से जाँच कर लें।
- जाँच कर लेने के बाद, फॉर्म जमा कर दें।
- अंत में आवेदन शुल्क की प्रक्रिया पूरी करें।
- अब आप मेरिट लिस्ट (यदि मेरिट आधारित हो) अन्यथा प्रवेश परीक्षा की तिथि आने का इंतजार करें।
दस्तावेज सत्यापन और परामर्श
प्रत्यक्ष मेरिट लिस्ट और प्रवेश परीक्षा मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद दस्तावेज सत्यापन और परामर्श (काउंसलिंग) प्रक्रिया पूरी करें। काउंसलिंग प्रक्रिया कई राउंड में होती है। कॉउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद शैक्षणिक फीस जमा करें और कक्षाओं में भाग लें।
जरूरी दस्तावेज
एम कॉम कोर्स से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सूची नीचे दी गयी है।
- 12वीं की मार्कशीट (यदि लागू हो)
- स्नातक की डिग्री (B. Com/BBA/BA Economics)
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC)
- चरित्र प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- निवास प्रमाण प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- आधार कार्ड
- फोटोग्राफ और हस्ताक्षर
- एडमिट कार्ड (यदि परीक्षा दी है)
- EWS सर्टिफिकेट (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए)
- प्रवेश परीक्षा स्कोरकार्ड
एम कॉम कोर्स फीस
एम कॉम की फीस अलग-अलग कॉलेज और यूनिवर्सिटी की मान्यता, रैंकिंग व सुविधाओं पर निर्भर होती है। नीचे एम कॉम की अनुमानित फीस राशि की जानकारी दी गयी है।
कॉलेज का प्रकार | वार्षिक फीस (₹) | कुल फीस (2 वर्ष) |
सरकारी विश्वविद्यालय | ₹10,000 – ₹20,000 | ₹20,000 – ₹40,000 |
निजी विश्वविद्यालय/कॉलेज | ₹15,000 – ₹1,50,000 | ₹30,000 – ₹3,00,000 |
डिस्टेंस/ओपन यूनिवर्सिटी | ₹8,000 – ₹15,000 | ₹16,000 – ₹30,000 |
एम कॉम के बाद करियर विकल्प
नीचे कुछ प्रमुख करियर विकल्प दिए गए हैं, जिन्हे एम कॉम कोर्स करने के बाद करियर के रूप में अपना सकते हैं।
- चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
- लेखाकार
- वित्त विश्लेषक
- बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं
- कर सलाहकार
- सहायक प्रोफेसर
- बीमा अधिकारी
- पीएचडी
- शिक्षण क्षेत्र
- सरकारी सेवाएं (UPSC, SSC, PSC, LIC)
निष्कर्ष:
एम कॉम (M. Com.) एक ऐसा कोर्स है, जो कॉमर्स के छात्रों को बैंकिंग, अकॉउंटिंग, फाइनेंस और अन्य क्षेत्रों में करियर प्राप्त करने के अवसर प्रदान करता है। यह कोर्स न केवल एक स्नाकोत्तर स्तर की डिग्री देता है, बल्कि खुद का व्यवसाय शुरू करने के कई आयाम भी खोलता है। यदि आप ऐसे छात्र है, जो कॉमर्स से संबंधित क्षेत्रों में गहरी रूचि रखते हैं, तो आपके लिए एम कॉम करियर के लिए बेहतर कोर्स विकल्प है।
बाकी हम उम्मीद करते हैं, कि आपने इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ा होगा और अपने एम कॉम से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारी हासिल हुई होगी। इस लेख में हमने विस्तार से वर्णन किया है कि एम कॉम क्या है और एम कॉम कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया, प्रवेश परीक्षाएं, टॉप कॉलेज, योग्यता और जरूरी कौशल क्या होना चाहिए। धन्यवाद!
कुछ संबंधित प्रश्न: FAQs
M.com करने से कौन सी नौकरी मिलती है?
एम कॉम करने के बाद निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में नौकरी के विकल्प उपलब्ध हैं। इस कोर्स को करने के बाद बैंक, फाइनेंस, अकॉउंटिंग और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
M.com कौन सी पढ़ाई होती है?
एम कॉम एक मास्टर डिग्री की पढ़ाई होती है, जिसे स्नाकोत्तर भी कहा जाता है। एम कॉम की पढ़ाई स्नातक डिग्री की पढ़ाई करने के बाद की जाती है।
M.com कितने साल की होती है?
एम कॉम एक मास्टर डिग्री स्नाकोत्तर स्तर का कोर्स है, जो कुल 2 वर्ष का होता है और इसमें कुल 4 चार सेमेस्टर होते हैं। प्रत्येक सेमेस्टर 6 महीने का होता है।
क्या m.com भविष्य के लिए अच्छा है?
जी हाँ, क्योंकि बैंकिंग, मैनेजमेंट, फाइनेंस के विस्तार में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एम कॉम भविष्य के लिए एक सुरक्षित कोर्स माना गया है।