Software Engineer Kaise Bane: तकनीकी के दौर में इंजीनियर बनने का सपना अनेकों छात्र देखते हैं। इंजीनियरिंग की दुनिया में कई प्रकार के कोर्स मौजूद हैं लेकिन छात्रों की पहली पसंद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग होती हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना लाखों छात्र देखते हैं, हालंकि कोर्स की सही जानकारी न होने के कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना कई छात्रों का सिर्फ सपना ही रह रहा जाता है। तकनीकी के क्षेत्र में बढ़ते उपयोग ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग में बढ़ोतरी ला दी है।
ऐसे में जो छात्र तकनीकी के साथ जुड़ कर अपने भविष्य को उजागर करने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं वो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। लेख में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से संबंधित तथ्यों की पूरी जानकारी देने वाले हैं। इसमें आप विस्तार से जानेंगे की सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या होता है, कैसे बनें, योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, फीस, करियर विकल्प और सैलरी आदि।
ब्लॉग का शीर्षक | सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें |
योग्यता | 12वीं उत्तीर्ण और स्नातक डिग्री (इंजीनियरिंग संबंधी कौशल) |
प्रमुख कोर्स | B.Tech IT, B.Tech CS, BCA, MCA, Bsc IT, Msc IT |
करियर विकल्प | Infosys, Wipro, Tech Mahindra, HCL, Google, Amazon, Flipkart |
फीस | ₹40,000 – ₹12,00,000 अनुमानित |
सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या होता है?
सॉफ्टवेयर इंजीनियर वह पेशेवर होता है जो अपने ज्ञान और कौशलों की मदद से सॉफ्टवेयर प्रोग्राम, एप्लीकेशन डिजाइन और प्रोग्राम को टेस्ट करता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रोग्रामिंग भाषा के क्षेत्र में बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है। आज के समय में लगभग सभी क्षेत्र जैसे बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी में एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मांग है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कार्य केवल प्रोग्राम को लिखना ही नहीं होता बल्कि उसमे आ रही समस्याओं को समझना और समाधान निकालना भी है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्यों बनें?
आज के समय में 12वीं करने के बाद लगभग हर छात्र का सपना सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना होता है। आधुनीकरण के इस युग में यह क्षेत्र रोजगार देने के लिए बहुत खास होता जा रहा है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का कोई एक कारण नहीं है, कई ऐसे कारण है जो आज के समय में लगभग हर छात्र सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है।
- उच्च करियर अवसर: आज के समय पर आईटी क्षेत्र में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और लगभग हर छोटी-बड़ी कंपनी को सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जरूरत है। केवल भारत ही नहीं विदेशों में भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उच्च करियर के अवसर प्राप्त करने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सेक्टर एक बेहतर विकल्प है।
- लगातार सीखने का अवसर: सॉफ्टवेयर इंजीनियर वह नहीं होता है जो एक बार इस क्षेत्र में कदम रखने के बाद रुक जाए। इस क्षेत्र में लगातार सीखते रहना और खुद को नई-नई चीजों से नवीनतम बनाए रखना जरूरी होता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में लगातार कुछ नया सीखने का अवसर प्राप्त होता है।
- आकर्षक सैलरी: इंजीनियरिंग की दुनिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक ऐसा पद होता है जिसमे शुरुआत से ही बेहतर सैलरी मिलती है। एक अनुभवी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी भारत में लगभग ₹5–12 लाख प्रति वर्ष होती है वहीं विदेशों में इससे दुगना मिलने के अवसर होते हैं।
Software Engineer Kaise Bane: कैसे बनें सॉफ्टवेयर इंजीनियर?
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए उम्मीदवार को पहले इस क्षेत्र से संबंधित शैक्षणिक योग्यता पूरी करना अनिवार्य है। इसके अलावा केवल शैक्षणिक योग्यता ही जरूरी नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर से संबंधित प्रमुख कौशलों और प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान होना भी जरूरी है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें नीचे विस्तार से बताया गया है।
शैक्षणिक योग्यता:
- उम्मीदवार कोई सबसे पहले पीसीएम वर्ग में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
- 12वीं में कम से कम 60% मार्क्स होना चाहिए।
- 12वीं बाद किसी भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से संबंधित स्नातक कोर्स करना अनिवार्य है।
आयु सीमा:
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है।
- उम्मीदवार किसी भी आयु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं। हालांकि कोर्स से संबंधित आयु निर्धारित हो सकती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कई प्रकार के कोर्स उपलब्ध हैं। उम्मीदवार को स्नातक, स्नाकोत्तर और डिप्लोमा में किसी एक कोर्स को चुनना होता है। नीचे सभी कोर्सों की सूची दी गई है।
अंडरग्रेजुएट कोर्स:
- B.Tech in Software Engineering
- B.Tech in Computer Science Engineering (CSE)
- BCA (Bachelor of Computer Applications)
- B.Tech in Artificial Intelligence & Data Science
- B.E. in Computer Science Engineering (CSE)
- B.Sc. Information Technology (IT)
- B.E. in Information Technology (IT)
- B.Sc. Computer Science
- B.Tech in Information Technology (IT)
पोस्टग्रेजुएट कोर्स:
- M.Tech in Computer Science Engineering
- MCA (Master of Computer Applications)
- M.Tech in Software Engineering
- M.Sc. in Computer Science
- M.Tech in Data Science / Artificial Intelligence
- M.Sc. in Information Technology
डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स:
कम समय में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने वाले उम्मीदवारों के लिए डिप्लोमा कोर्स, जिनमे सबसे पहले स्किल पर ध्यान दिया जाता है।
- Diploma in Software Engineering
- Diploma in Information Technology
- PG Diploma in Software Development
- Diploma in Computer Science & Engineering
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए स्किल
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के कौशलों को डेवलप करना अनिवार्य है तकनीकी कौशल और सॉफ्ट कौशल। नीचे प्रमुख कौशलों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
तकनीकी कौशल (Technical Skills / Hard Skills):
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए तकनीकी कौशल ऐसे कौशल हैं जो प्रोग्राम लिखने, उनको सुधारने और समझने में मदद करते हैं।
प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान:
- Python: सीखने में बहुत ही आसान वेब डेवलपमेंट, AI, ML, Data Science के लिए बहुत ही जरूरी भाषा हैं।
- Java: एंड्राइड एप्लिकेशन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भाषा।
- JavaScript: वेबसाइट निर्माण और डिजाइन में प्रयोग होने वाली महत्वपूर्ण भाषा।
- C++: गेम डेवलपमेंट और उसके डिजाइन को तैयार करने के लिए।
वेब डेवलपमेंट:
- Frontend: HTML, CSS, JavaScript, React.js, Angular
- Backend: Node.js, Java (Spring Boot), Python (Django/Flask), PHP (Laravel), RESTful APIs
डेटाबेस मैनेजमेंट:
- SQL: MySQL, PostgreSQL, SQL Server
- NoSQL: MongoDB, Redis
क्लाउड कंप्यूटिंग:
- क्लाउड प्लेटफॉर्म्स: AWS (Amazon Web Services), Microsoft Azure और Google Cloud Platform
सॉफ्ट कौशल (Soft Skills):
सॉफ्टवेयर इंजीनियर वो नहीं जो केवल तकनीकी कौशलों का ज्ञान जनता हो बल्कि एक अनुभवी सॉफ्टवेयर इंजीनियर वो होता है जिसमे सॉफ्ट स्किल्स का ज्ञान भी हो। नीचे कुछ प्रमुख कौशलों की सूची दी गई है।
- समस्या समाधान: समस्याओं को ढूढ़ने, समझने और उनका समाधान निकालना।
- संचार कौशल: लोगों से बेहतर तरीके से बात करना और उनकी बातों को समझना, लोगों समस्याओं को समझना, प्रस्तुति देना और अपने विचारों को प्रस्तुत करना।
- समूह में कार्य करना: समूह या ग्रुप में कार्य करने की क्षमता एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के अंदर जरूर होनी चाहिए।
- अनुकूलनशीलता और सीखने की क्षमता: टेक्नोलॉजी में हर दिन कुछ नया बदलाव होता है। आज जो टूल्स प्रयोग हो रहे हैं वो आने वाले समय में बदल भी सकते हैं और उनकी जगह और बेहतर टूल्स हो सकते हैं। इसलिए सीखते रहने का हुनर जरूर होना चाहिए।
- समय प्रबंधन: एक असली सॉफ्टवेयर इंजीनियर वही होता है जो अपना कार्य समय से पूरा करता है। समय प्रबंधन का पालन करने की क्षमता जरूर होनी चाहिए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं
भारत में प्रतिवर्ष सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमे लाखों की संख्या में उम्मीदवार आवेदन करते हैं। कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की सूची नीचे दी गई हैं।
राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाएं:
- JEE Main (Joint Entrance Examination Main): JEE Main भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा है इस परीक्षा को NTA (National Testing Agency) द्वारा आयोजित किया जाता है। जिन छात्रों का सपना सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बीटेक (B.tech.) NITs, IIITs, और अन्य GFTIs जैसे संस्थानों प्रवेश लेना होता है, उन्हें JEE Main के आधार पर ही मिलता है।
- JEE Advanced (Joint Entrance Examination Advanced): आईआईटी (IITs) संस्थान में प्रवेश लेने के लिए इस परीक्षा को आयोजित किया जाता है। इस परीक्षा केवल वही उम्मीदवार भाग ले सकते हैं जो JEE Main परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। यह परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है।
- BITSAT (Birla Institute of Technology & Science Admission Test): इस परीक्षा को BITS Pilani, गोवा और हैदराबाद कैम्पस में B.E. परीक्षा के लिए आयोजित किया जाता है।
राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षाएं:
- MHT CET (Maharashtra Common Entrance Test)
- KCET (Karnataka Common Entrance Test)
- WBJEE (West Bengal Joint Entrance Examination)
निजी विश्वविद्यालय/संस्थान परीक्षाएं:
- SRMJEEE (SRM Joint Engineering Entrance Exam)
- VITEEE (Vellore Institute of Technology Engineering Entrance Exam)
- CUET (Christ University Entrance Test)
- MET (Manipal Entrance Test)
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स प्रमुख संस्थान
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश हेतु कई संस्थान हैं। नीचे कुछ प्रमुख संस्थानों की सूची दी गई है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs)
- IIT Bombay
- IIT Bhubaneswar
- IIT Kanpur
- IIT Delhi
- IIT Gandhinagar
- IIT Jodhpur
- IIT Roorkee
- IIT Varanasi (BHU)
- IIT Jammu
- IIT Mandi
- IIT Indore
- IIT Guwahati
- IIT Madras
- IIT Kharagpur
- IIT Tirupati
- IIT Goa
- IIT Patna
- IIT Palakkad
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs):
- NIT Tiruchirappalli (NIT Trichy)
- NIT Delhi
- NIT Warangal
- NIT Patna
- NIT Raipur
- NIT Srinagar
- MNNIT Allahabad (Motilal Nehru National Institute of Technology)
- VNIT Nagpur (Visvesvaraya National Institute of Technology)
- NIT Agartala
- NIT Jamshedpur
शीर्ष सरकारी विश्वविद्यालय
- दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)
- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU)
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU – IIT BHU अलग से)
- उस्मानिया विश्वविद्यालय (Osmania University)
- सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय
प्रमुख निजी संस्थान
- एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (SRMIST)
- वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT University)
- बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS Pilani)
- अमृता विश्व विद्यापीठम (Amrita Vishwa Vidyapeetham)
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी (Christ University)
- अमिटी यूनिवर्सिटी (Amity University)
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU)
- शारदा यूनिवर्सिटी (Sharda University)
- मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT)
- सिंबायोसिस अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय
- एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (एमआईटी-डब्ल्यूपीयू)
- सत्यभामा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान
- जेपी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (जेआईआईटी)
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करियर विकल्प
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न करियर विकल्प उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में कार्य और सैलरी व्यक्ति के अनुभव और कौशल क्षमताओं पर निर्भर हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आप कुछ इस प्रकार के करियर विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
- सॉफ्टवेयर डेवलपर: एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को समझना, विकसित करना और समस्या ढूंढना।
- वेब डेवलपर: वेबसाइट को डिजाइन करना और उसका आकार तैयार करके डेवलप करना।
- मोबाइल ऐप डेवलपर: मोबाइल एप्लिकेशन को डिजाइन करना, तैयार करना, प्रोग्राम बनाना और पब्लिक करना।
- फुल स्टैक डेवलपर: फ्रंटएंड और बैकएंड दोनों प्रकार का कार्य करना।
- डेटा साइंटिस्ट: डेटा को इकट्ठा करना और AI पर काम करना।
- साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट: कंपनी के सिस्टम और नेटवर्क को हैकरों व साइबर हमलों से सुरक्षित रखना।
- डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर: कंपनी के डेटा को मैनेज करना।
- गेम डेवलपर: मोबाइल और डेस्कटॉप (पीसी) पर चलने वाले गेम को डिजाइन व उनका निर्माण करना।
- प्रोडक्ट मैनेजर: क्या बनाना है और क्या प्रोग्राम चाहिए जैसे कार्यों पर ध्यान देना।
- फ्रीलांसिंग: अपने अनुभव और कौशलों के ज्ञान के आधार पर खुद का स्टार्टअप शुरू करना। दूसरों के प्रोजेक्ट को बनाना।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स फीस
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिग कोर्स की फीस संस्थान के प्रकार और कोर्स पर निर्भर करती है। अनुमानित फीस के तौर पर संस्थान अनुसार नीचे फीस का ढांचा दिया गया है। लेकिन ध्यान रखें कि ये सिर्फ अनुमानित फीस है।
संस्थान का प्रकार | प्रति वर्ष अनुमानित फीस | कुल अनुमानित फीस |
आईआईटी (IITs) | ₹2 – ₹2.5 लाख | ₹8 – ₹10 लाख |
एनआईटी (NITs | ₹1.25 – ₹1.80 लाख | ₹5 – ₹8 लाख |
राज्य सरकारी कॉलेज | ₹20,000 – ₹75,000 | ₹80,000 – ₹3 लाख |
निजी संस्थान (VIT, SRM, Manipal) | ₹3 – ₹5 लाख | ₹12 – ₹20 लाख |
डिप्लोमा इन कंप्यूटर (Polytechnic) | ₹15,000 – ₹80,000 | ₹45,000 – ₹2.4 लाख (3 Years) |
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सॉफ्टवेयर इंजीनियर सैलरी
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी उसके अनुभव, कार्य और कंपनी पर निर्धारित होती है। किन्तु एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है नीचे औसतन जानकारी दी गई है।
फ्रेशर (0–1 साल का अनुभव) | ₹3.5 – ₹10 लाख |
मिड-लेवल (2–5 साल का अनुभव) | ₹8 – ₹25 लाख |
सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर (5–10 साल) | ₹12 – ₹30 लाख |
टेक लीड/प्रोजेक्ट मैनेजर | ₹15 – ₹30 लाख |
विशेषज्ञ (AI/ML/Data Scientist) | ₹20 – ₹50 लाख |
भारतीय आईटी दिग्गज | ₹15 – ₹25 लाख |
निष्कर्ष:
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पहचान उसके कार्य और अनुभव से होती है। एक अनुभवी सॉफ्टवेयर वही बन पाता है जो अपने कार्यों पर पूरा ध्यान दे और समय के साथ खुद पर बदलाव भी रखे। दोस्तों आज इस लेख में हमने विस्तार से बताया है कि कैसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनते हैं। लेख में हमने उन सभी पहलुओं की जानकारी दी है जो एक उम्मीदवार के लिए जानना जरूरी है।
तकनीकी के इस दौर में यदि आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो लेख में दी गई जानकारी को ध्यान से समझें और उनको फॉलो करें। बाकी हम उम्मीद यही करते हैं कि आपको जो जानकारी चाहिए थी वो जरूर मिली होगी और फिर भी यदि लेख से संबंधित कोई समस्या हो तो आप हमे कमेंट में पूछ सकते हैं। धन्यवाद !
कुछ संबंधित प्रश्न: FAQs
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कितने साल में बनते हैं?
लगभग 4 वर्ष का समय चाहिए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए, यानी चार वर्ष का समय लगता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में कितना खर्चा आता है?
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की फीस निर्भर करती है कि आप कौन सा कोर्स करते हैं और किस प्रकार के संस्थान में प्रवेश लेते हैं।
क्या 12वीं पास सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकता है?
बिल्कुल 12वीं पास करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं लेकिन 12वीं वर्ग में भौतिक विज्ञान और गणित विषय होना अनिवार्य है। इसके बाद आप किसी भी इंजीनियरिंग संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं।